Thursday, March 24, 2022

 तुम्हें ग़ज़लों का गीत लिखता हूं 

तुम्हें शायर की शायरी लिखता हूं ।


लबों पे लब की प्यास लिखता हूं

मयखाने की पुरानी शराब लिखता हूं ।


शब्दो मे लिखूं तुम्हे वो शब्द ही नही

तुमपर मैं इक पूरी किताब लिखता हूं 


दर्द ए जिगर,दवा बेअसर,तुम्हें

मैं अपने दिल का इलाज लिखता हूं ।


---- सुनिल #शांडिल्य

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