Monday, March 28, 2022

 फुरसत के लम्हे हवा हो गए।

महबूब हमारे खफा हो गए।


भागमभाग मे खो गई  जिंदगी,

प्यार के चंद पल जुदा हो गए।


फुरसत के चंद लम्हे उधार दे दो।

दो बाँहों का यार हमें हार दे दो।


सनम घायल हुआ मैं गुलाबों से,

बहुत तरसा प्यार का संसार दे दो।


---- सुनिल #शांडिल्य

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