मैं राजा नहीं पर वो है रानी मेरी ,
लिखता हूं मैं कहानी मेरी ..
एक ऐसा है एहसास बताना ,
कैसा होता है श्रृंगार बताना ..
साड़ी पहन जब वो आयेगी ,
काजल मैं ही उसे लगाऊंगा ..
बात मोहब्बत की ऐसी होगी ,
की झुककर पायल पहनाऊंगा ..
चूड़ी,कंगन,पायल,बिछिया ,
सब पहन कर सज जाएगी ..
हाथों में हाथ मेरा लिए वो ,
साथ मेरे महफ़िल आयेगी ..
फिर इश्क़ की ऐसी दावत होगी ,
वो होगी और मेरी चाहत होगी ..
फिर होगी एक शाम सुहानी ,
मैं राजा नहीं पर वो है रानी मेरी ..
---- सुनिल #शांडिल्य
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