Sunday, March 6, 2022

 जिस दिन मेरी समस्त अश्रुएं

काली स्याही बन जाएगी ..


उस दिन मैं उन्हें कलम में भरकर

तुमपे कविताएं लिखूंगा ..


तुम मेरे पास आओ या ना आओ

मेरी कलम तुम्हें कलमबद्ध करेगी


मैं मौन रहूंगा ..

मेरी खामोशी बोलेगी ..


मैं यूं ही प्रेम तुमसे करूंगा 

अनवरत अनंत काल तक


---- सुनिल #शांडिल्य

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