मेरी धमनियों में बहता है प्रेम तुम्हारा
लहू का हर कतरा चाहता है प्रेम तुम्हारा!
मेरे मस्तिष्क में चहुं ओर शनेःशने: पनप रहा है
जैसे कोई अमरबेल का बीज हो प्रेम तुम्हारा!
तुम्हारा नाम तुम्हारा अहसास हर पल होता है मेरे साथ
मेरे हृदय की धड़कन में धड़कता है प्रेम तुम्हारा!
---- सुनिल #शांडिल्य
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