Monday, March 7, 2022

 मेरी धमनियों में बहता है प्रेम तुम्हारा

लहू का हर कतरा चाहता है प्रेम तुम्हारा!


मेरे मस्तिष्क में चहुं ओर शनेःशने: पनप रहा है

जैसे कोई अमरबेल का बीज हो प्रेम तुम्हारा!


तुम्हारा नाम तुम्हारा अहसास हर पल होता है मेरे साथ

मेरे हृदय की धड़कन में धड़कता है प्रेम तुम्हारा!


---- सुनिल #शांडिल्य

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