नैनों के जलज
अश्रु सरोवर मध्य खिलेंगे
रो ले तू जी भर सुकून से लग मेरे गले
फिर न जाने कब कहां मिलूं मैं
बातो बातो में तुम यूं
नैनो के रास्ते दिल में उतरे
लहू की रवानी में तुम
हृदय की धड़कन में तुम
सीने से लग मेरे तु कुछ यूं गले
जब तक रहे जीवन अहसास रहे कायम ..
---- सुनिल #शांडिल्य
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