Wednesday, April 13, 2022

 नैनों के जलज

अश्रु सरोवर मध्य खिलेंगे


रो ले तू जी भर सुकून से लग मेरे गले

फिर न जाने कब कहां मिलूं मैं


बातो बातो में तुम यूं

नैनो के रास्ते दिल में उतरे


लहू की रवानी में तुम

हृदय की धड़कन में तुम


सीने से लग मेरे तु कुछ यूं गले

जब तक रहे जीवन अहसास रहे कायम ..


---- सुनिल #शांडिल्य

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