मैं इश्क करता ही रहूंगा
तेरी यादों में खोता रहूंगा
मिलती है दिल को राहत
तेरे ख्वाब मैं बुनता रहूंगा
पलकों को अपने बंद करकर
तेरा अक्स उसपे मैं सजाऊंगा
आधे अधूरे एहसासों संग
यूं ही मैं तुम्हें चाहता रहूंगा
तेरे बिन मेरा है वजूद शून्य
चाहते हुए तुम्हें मैं मर जाऊंगा ।
---- सुनिल #शांडिल्य
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