नर-नारी की तुलना
बेमतलब बेहिसाब है ।
जीवन रथ में दोनों
एक दूजे का साथ है।
एक श्रद्धा विश्वास तो
दूजा तप पुरुषार्थ है।
नारी ममता की मूरत
तो नर पालन हार है।
इक आँचल की छाया
दूजा लुटाए प्यार है ।
जीवन के कुरु समर में
एक कृष्ण है देखो
दूजा आर्य महान है।
---- सुनिल #शांडिल्य
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