हर ह्रदय के
अनंत विस्तार में हर घड़ी
चलायमान रहता है
एक कुरुक्षेत्र
जहां सदैव से ही विद्यमान है
असंख्य दैवी व असुरी शक्तियाँ
जो युद्ध के शंखनाद
और भीषण रणभेरी के
अभेद्य उद्घोष के बीच
हमारे मन पर
अपनी अपनी सत्ता
अपने आधिपत्य की स्थापना हेतु
हैं निरंतर संघर्षरत
---- सुनिल #शांडिल्य
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