Sunday, April 24, 2022

 हर ह्रदय के

अनंत विस्तार में हर घड़ी 

चलायमान रहता है

एक कुरुक्षेत्र 

जहां सदैव से ही विद्यमान है 

असंख्य दैवी व असुरी शक्तियाँ 

जो युद्ध के शंखनाद 

और भीषण रणभेरी के 

अभेद्य उद्घोष के बीच

हमारे मन पर

अपनी अपनी सत्ता

अपने आधिपत्य की स्थापना हेतु 

हैं निरंतर संघर्षरत


---- सुनिल #शांडिल्य

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