Thursday, April 28, 2022

 अधर बाबरे जिव्हा पागल

कहने को कुछ भी कह जाएं


किस मुंह से मैं कह दूं बोलो

तुमसे मुझको प्यार नहीं है।


एक नहीं है अनगिन बातें

जबकि तुम्हारा प्यार दिखा है


मान मनव्बल पाया तुमसे

मनचाहा मनुहार दिखा है


रुठा हुआ मनाया तुमने

अपने हृदय लगाया तुमने


किस मुंह से मैं कह दूं बोलो

तुमसे मुझको प्यार नही है। 


---- सुनिल #शांडिल्य

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