Tuesday, April 5, 2022

 मैं आग हूं न खेलो तुम यूं मुझसे ..

पास आते ही तुम जल जाओगी ..


जहर सी है देखो मुस्कुराहट मेरी ..

पीते ही तुम मुझे पिघल जाओगी ..


कैद कर लूं गर , तुम्हें रौशनी में मैं ..

फिर भी शाम में तुम ढल जाओगी ..


गर आँखों में बसा लूं ज़ाम की तरह ..

तो आँसू बनकर , तुम बह जाओगी ..


---- सुनिल #शांडिल्य

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