शरमाई तेरी नजरें जज्बात छलक गये
लफ्ज बेलफ्ज हुए जुबां बेजुबां हो गये
आग था मैं नजरे तुझसे मिलने से पहले
देखो आज़ हम अब धुंआ-धुआं हो गये
फ़ासले हमारे दरम्यान वक्त ने यूं बढ़ाया
हम धरती हुए,और तुम आसमां हो गये
उम्र नही थी इश्क करने की अभी हमारी
बस नजरें मिली ,और हम जवां हो गये।
---- सुनिल #शांडिल्य
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