करूं मैं तुझसे इश्क बेइंतेहा
करूं मैं इबादत तेरी
तेरी खुशबू बसी जहन मे मेरी
मेरी धड़कन में रवानगी तेरी
आई मिलन की अद्भुत बेला
बांहों में हो तुम और शमा अलबेला
लबों की लबों से हो रही है गुस्ताखियां
उंगलियो के पोर बदन पे थिरक रहे
आगोश मे बिखर रहे
हौले हौले से सुलग रहे
---- सुनिल #शांडिल्य
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