Monday, May 16, 2022

 करूं मैं तुझसे इश्क बेइंतेहा

करूं मैं इबादत तेरी


तेरी खुशबू बसी जहन मे मेरी

मेरी धड़कन में रवानगी तेरी


आई मिलन की अद्भुत बेला

बांहों में हो तुम और शमा अलबेला


लबों की लबों से हो रही है गुस्ताखियां

उंगलियो के पोर बदन पे थिरक रहे


आगोश मे बिखर रहे

हौले हौले से सुलग रहे


---- सुनिल #शांडिल्य

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