आज तुझपे मैं इक गजल लिखता हूं
तेरे साथ बिता हुआ मैं वक्त लिखता हूं
हमारे इश्क का फसाना लिखता हूं
तेरा मुझको गले लगाना लिखता हूं
खुद को तेरा आशिक मैं लिखता हूं
तेरा बनाया झूठा बहाना लिखता हूं
तेरा मुझको छोड़ जाना लिखता हूं
अंत में मैं खुद को बेवफा लिखता हूं !
---- सुनिल #शांडिल्य
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