Thursday, May 19, 2022

 कुछ अच्छा है

कुछ सच्चा है

कुछ प्यारा भी है

थोड़ा अल्हड़ भी है


पर जो भी है बड़ा

कमबख्त है ये इश्क


सिसकता है 

दर्द देता है

कभी खुशी भी देता है


पर जो भी है

अजीब है ..

ये अहसास ..

क्या नाम दूं इस अहसास को ?


कुछ समझ न आता 

आखिर ये चाहता क्या है ..


कमबख्त इश्क ..


---- सुनिल #शांडिल्य

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