आंखों की भाषा क्या कहती है
आंखों में झांक समझ आया है
देखके तुमको मेरी से धड़कन
लय मे गीत गाने लगती है
वो मनमीत मुझे तुम लगती हो
बड़े भाग्य से जो मिलता है
मुस्काते अधरों पर अमृत की
बूँदों को देख समझ आया है
चल चले मिलन की ओर हमतुम
की आज मिलन की रुत आई है ।
---- सुनिल #शांडिल्य
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