Thursday, June 16, 2022

 कलम आज मुझसे सवाल करती है

कमबख्त मेरे दिल का हाल लिखती है


कहता हूं इसे तू सिर्फ इश्क लिखा कर

पर ये हंसी के पीछे का दर्द लिखती है


कहता हूं छुपा लो एहसासों को तुम

पर रात जो अश्क बहे वो लिख देती है


जर्रा जर्रा आंखों का हाल लिखती है

मेरे रोते दिल का अफसाना लिखती है


---- सुनिल #शांडिल्य

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