Sunday, June 19, 2022

 बातो बातो में जो ढली होगी

वो रात कितनी मनचली होगी


मेरे सिरहाने रखी याद तेरी

रात भर शमा भी जली होगी


सबने तारीफ तेरी की होगी

मै चुप रहा तो मेरी कमी होगी


तेरी आंखो मे झांकने के बाद

मेरी आंखों में ओस सी होगी


है तेरा ज़िक्र तो यकीं है मुझे

मेरे बारे में भी बात हुई होगी ।


---- सुनिल #शांडिल्य

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