प्रेम संगम है, मिलन और बिरह का
कभी मन फूल,कभी पतझड़ बन जाते है
खिलती है होंठों पे मृदु मुस्कान कभी
आंखों में कभी सजल बिंदु भर जाते है।
----सुनिल #शांडिल्य
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