मुस्कुराता हुआ ही चेहरा मेरा रहता है
इस मुस्कान से दिल का कहां वास्ता है
इस दिल का हाल चेहरे से अलहदा है
गुफ्तगू ये सिर्फ अब मुझसे ही करता है
हाल ए दिल ये किसी से नही कहता है
कभी कभी आंखों से अश्कों में बहता है
---- सुनिल #शांडिल्य
No comments:
Post a Comment