Saturday, June 25, 2022

 कभी मैं घुल जाता हूं

आंसुओं के जाम में


कभी मैं जी जाता हूं

अश्कों के दीदार में


कभी मैं डूब जाता हूं

तेरी यादो के अंबार में


कभी मैं खो जाता हूं

तेरे लबों की पुकार में


कभी मैं मर जाता हूं

तेरे इश्क की बौछार में


कभी मैं लिख लेता हूं

तेरी धड़कनों की आवाज़ में


---- सुनिल #शांडिल्य

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