Tuesday, June 28, 2022

 ये शराब भी है क्या शराब कोई

तेरी आँखों में बसता मयखाना कोई


तेरी निगाहे पैमाने में न रखती नशा 

तेरे चेहरे पर नूर जैसे महताब कोई 


समुंदर यूँ ही बदनाम अपने तेवरों से

तेरी निगाहों में उफ़नता सैलाब कोई


जो भी डूबा उसे होश न अरसे तक आया

तुझसे नजरे चुराकर करे मुलाकात कोई


---- सुनिल #शांडिल्य

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