नाम तेरा नहीं लिया मैंने,
वक्त खुद को नहीं दिया मैंने,
ज़िन्दगी बस गुजार दी यूँ ही,
जाम उलफत नहीं पिया मैंनेl
नैन बैचैन से रहे हरदम,
खास कुछ भी नहीं किया मैंने l
दर्द दिल में हुआ बहुत लेकिन
दर्द हंस के छिपा लिया मैंने l
पास दिल के नहीं रखा उसने,
गैर फिर भी नहीं कहा मैंने l
---- सुनिल #शांडिल्य
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