Saturday, July 23, 2022

 चाँद तारों की बरात लेकर

आज अम्बर धरा पर है आया


यूं चमकती हुई चाँदनी में

जैसे सारा जहां है नहाया


सज रही है दुल्हन जाने चंचलसा मन

प्रीतकी रात है होगा प्रियसे मिलन


माथे बिंदिया सजी पांव पायल बजी

सरपे लाली चुनर सुर्ख होते अधर


देखकर रूप दर्पण लजाया

आज अम्बर धरा पर है आया


---- सुनिल #शांडिल्य

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