जब अम्बर ढक जाए जलद से
पथिक तुम घबराना मत।
काले बादलों में भी मुस्कुराता है सूरज
पथिक कभी तुम भूलना मत।
आशातीत बन बढ़ कर्म पथ पर
पथिक तुम ठहरना मत।
हौसला बुलंद रख तिमिर को चीरकर
रोशनी फैलाओ तुम मिलेगी मंजिल तुम्हें
पथिक तुम घबराना मत।
---- सुनिल #शांडिल्य
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