सवाल कुछ भी हो
जबाब तुम ही हो
रास्ता कोई भी हो
मंजिल तुम ही हो
दुःख कितना भी हो
खुशी तुम ही हो
अरमान कितना भी हो
आरजू तुम ही हो
गुस्सा कितना भी हो
प्यार तुम ही हो
ख़्वाब कोइ भी हो
तकदीर तुम ही हो
तुम्हारे वगैर ये जिन्दगी कुछ भी नहीं
मेंरी हर जहाँ तुम ही हो
---- सुनिल #शांडिल्य
No comments:
Post a Comment