सुनो_ना
तुमसे बात करना
मेरी तलब नहीं,
ना ही शौक़ है मेरा
ये जरूरत है मेरी
मेरे वजूद को बिखरने से
बचाये रखने के लिए
तुम्हारी आवाज़
मुझे तुम्हारे करीब होने का
एहसास कराती है,
अलग अलग जगह रहते हुए भी
मीलों की दूरियों के बावजूद भी,
हम एक दूसरे के बेहद करीब होते हैं, हमेशा!
---- सुनिल #शांडिल्य
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