Friday, July 29, 2022

 सांसों में खुशबू है तेरी मेरे हमदम

होंठों पे चंदा की छाई है शबनम


गीतों में तेरे हैं, जीवन के डेरे

इस जीवन मरु के हो बादल घनेरे

कह दो प्रिय मेरे तुम मेरे हो मेरे,


ये इठलाती बलखाती सुबहा की लाली 

जो छाई है इतराती मुखड़े पर आली।


---- सुनिल #शांडिल्य

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