सांसों में खुशबू है तेरी मेरे हमदम
होंठों पे चंदा की छाई है शबनम
गीतों में तेरे हैं, जीवन के डेरे
इस जीवन मरु के हो बादल घनेरे
कह दो प्रिय मेरे तुम मेरे हो मेरे,
ये इठलाती बलखाती सुबहा की लाली
जो छाई है इतराती मुखड़े पर आली।
---- सुनिल #शांडिल्य
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