मैं कोई रिश्ता नहीं हूँ
जो तुम निभाओगी मुझे ..
मैं तो बस अदना सा इश्क़ हूँ
तुम इश्क़ से ही पाओगी मुझे ..
है मेरी इक आखिरी ख्वाहिश
तुम पूरी करोगी क्या ?.
जब जनाजा मेरा निकलेगा
क्या कफ़न में अपना दुपट्टा ओढ़ाओगी मुझे ?.
---- सुनिल #शांडिल्य
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