Tuesday, July 5, 2022

 कितनी नज़्में

लिखी होंगी मैने


कितनी कविताएं

लिखी होंगी मैने


कभी प्रेम में

कभी दर्द में


जो दर्शाती है

मेरे दिल का हाल


"प्रेम"

मेरे लिए एक

छलावा ही रहा


हर किसी ने खेला

मेरे जज्बात से


फ़िर भी किसी से

कोई गिला नहीं मुझे


खुद को ही कसूरवार ठहराया

कुछ तो कमी होगी मुझमे ही ..


---- सुनिल #शांडिल्य

No comments:

Post a Comment