महसूस होती हो
तुम मुझे मेरे आसपास
जब भी मैं खोता हूं
ख्यालों में तुम्हारे
इस अहसास को
क्या नाम दूं?
क्या यही प्रेम है?
आह,
मुझे तुमसे प्रेम है
सुन रही हो ना
"अगाध प्रेम"
अब तुम अपने
दिल पे हाथ रखो
देखो तुम्हारी धड़कन भी
मेरा नाम गुनगुनाती है ?
मेरी धड़कन ..
---- सुनिल #शांडिल्य
No comments:
Post a Comment