ह्रदय से तुम्हारे मिलन कर रहा हूँ
तेरी धड़कनों पर गज़ल लिख रहा हूँ
पहाड़ों से आती ये चंचल हवायें
बदन से तुम्हारे आँचल उड़ायें
छूकर बदन को मेरे पास आयें
आकर मुझे भी दीवाना बनायें
हवाओं को दिल से नमन कर रहा हूँ
तेरी धड़कनों पर गज़ल लिख रहा हूँ
---- सुनिल #शांडिल्य
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