Saturday, July 9, 2022

 ह्रदय से तुम्हारे  मिलन  कर  रहा  हूँ

तेरी धड़कनों पर गज़ल लिख रहा हूँ


पहाड़ों से आती ये चंचल हवायें

बदन से  तुम्हारे  आँचल  उड़ायें

छूकर बदन को मेरे  पास  आयें

आकर मुझे भी  दीवाना  बनायें


हवाओं को दिल से नमन कर रहा हूँ

तेरी धड़कनों पर गज़ल लिख रहा हूँ


---- सुनिल #शांडिल्य

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