ज़मी से मिलन गगन का है देखो,
धरा आज खुश हँस रही चान्दनी भी ....
करम आपका मुस्कुराये सनम जो,
मिटा दो ज़रा ये गजब तिश्नगी भी .....
ख्यालो में आओ सताओ नहीं तुम,
खफ़ा आप से करते है आशिक़ी भी....
छुपा कर निगाहो में रक्खेगे तुम्हे,
करेंगे हिफ़ाज़त सनम दिल्लगी भी ...
---- सुनिल #शांडिल्य
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