Monday, August 22, 2022

 आसान_कहां होता

बिखरते पलों को, समेटना 

और

नये लम्हों को सजाना

अनकही बातों को यूँ संभालना


ज़िंदगी के शोर में

‌ख्वाहिशों की चुप्पी को सुनना 


हर बार अपने आप से मिलना 

मिलकर भी अनदेखा करना


रिश्तों को निभाना और

अपनी खुशी को बयां करना 

हर बार जीना,और जीने के लिये मरना !!!


---- सुनिल #शांडिल्य

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