Friday, August 26, 2022

 पर्वत से फूटता 

जल प्रपात 

मानो कोई साक़ी 


उड़ेल कर सुराही से मदिरा 

छलका रही हो 

झील का प्याला 


ये पहाड़ी रास्ता 

एक सफ़र मैख़ाने का

ये वादियाँ 

धरती की सबसे बड़ी 

मधुशाला 


इसे देखते हुए जीना 

मानो 

आँखों से घूँट घूँट 

सोमरस पीना 


 ---- सुनिल #शांडिल्य

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