Monday, August 8, 2022

 वो ना आई अपने वादे के बाद

शाम_ढलने_लगी कुछ पल के बाद।


हम करते रहे उसका इंतजार

भरोसा अपना टूटने लगा कुछ पल के बाद।


चाँद दिख आई कुछ सपनो के साथ

हम करते रहे बीते लम्हों को याद।


आँख झपने लगी मीठे सपनो के साथ

उन सपनों में दिख गयी कुछ पल के बाद।


---- सुनिल #शांडिल्य

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