Saturday, September 17, 2022

 सपने कुछ बहके बहके से

देखे तो हैं अभी अभी


रात गुजर गई भोर में किरणें 

फूटी तो हैं अभी अभी


बड़े दिनोंके बाद मिले और 

इठला इठला कर बोले


कह भी डालो अब तो मुझसे 

दिल में जो है अभी अभी


दिल कहने सुनने को आतुर 

कुछ तो मन की बात कहो


कहां चल दिए कुछ देर को बैठो

आए तो हैं अभी अभी


---- सुनिल #शांडिल्य 

@everyone

No comments:

Post a Comment