सपने कुछ बहके बहके से
देखे तो हैं अभी अभी
रात गुजर गई भोर में किरणें
फूटी तो हैं अभी अभी
बड़े दिनोंके बाद मिले और
इठला इठला कर बोले
कह भी डालो अब तो मुझसे
दिल में जो है अभी अभी
दिल कहने सुनने को आतुर
कुछ तो मन की बात कहो
कहां चल दिए कुछ देर को बैठो
आए तो हैं अभी अभी
---- सुनिल #शांडिल्य
@everyone
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