Tuesday, September 20, 2022

 तेरा स्पर्श अभी भी रखा है

तुम मिलो तो छूकर बताऊँ तो

यह फूल और भी ख़िलते हैं


तेरी ख़ुश्बू अग़र छुपाऊँ तो

आते हैं तेरे ख़यालों के भंवरे


तेरी यादों को मेहकाऊं तो

रस में बस के सब तर हैं


मैं नीरस क़भी हो जाऊँ तो

तुम आना ले जाना अपना यह स्वास प्रिये

तेरा यह एहसास अग़र ना दे पाऊँ तो


---- सुनिल #शांडिल्य

@everyone

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