सांसे तेरे नाम किया
पलपल तुझको याद किया
ईद का चांद नहीं हूं मैं
पर तुझसे दूर नहीं हूं मैं
ढलती शाम के चौखट पर
तेरे आने का इंतजार किया
मैंने हरपल तुझसे प्यार किया
रातोंकी याद के मंजर पर
तेरेदिल में पड़ी जमींके बंजर पर
तेरी यादों के लौ का दीप हूं मैं
पर तुझसे दूर नहीं हूं मैं
---- सुनिल #शांडिल्य
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