Tuesday, October 18, 2022

 फूल खिलेगा उपवन मे तो ,

वह चमन_महक ही जाएगा ।


पीकर के मकरंद पुष्प का,

फिर भौरा होश गंवाएगा ।


उसे खुद की खबर कहां होगी,

जो प्रीति हृदय मे जगाएगा। 


अपनी चाहत की रूह मे फिर ,

वो पल पल घुलता  जाएगा ।


हो दूर देश तो क्या गम तब ,

जब ख्वाब से ही मुस्काएगा। 


---- सुनिल #शांडिल्य

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