Thursday, October 6, 2022

 खट्टे मीठे शब्द मधुर मैं

शब्द कोष से चुनकर लाया


लेकर रंग बिरंगी स्याही

डुबो डुबो कर उन्हें सजाया


बूंद बूंद अमृत छलकाता

शत प्रतिशत मधुरस का प्याला


रेशा रेशा रस से निर्मित

तुम मेरी अंगूरी रचना


मन से फूटा निर्झर झरना

कण कण पथ का तृप्त हुआ


---- सुनिल #शांडिल्य

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