Saturday, October 29, 2022

शायरी

राहें उल्फत की गुजर के देखेंगे
चलिए हम भी इश्क कर के देखेंगे

देख पाएगा न कोई दूसरा
जब उन्हें अाखों में भर के देखेंगे

भूल जाते हैं सुना सब दर्दो गम 
देर कुछ हम भी ठहर के देखेंगे

डूब जायेंगे यकीनन इश्क में
गर वो इस दिल में उतर के देखेंगे

---- सुनिल #शांडिल्य

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