Friday, November 11, 2022

बस इक लम्हा तेरी ख़ुशबू का गुज़ारा हमने
ज़िन्दगी भर उसे फिर दिल में संवारा हमने

जब भी यादों ने ख़्वाबों से जगाया है हमें 
ले के होंठों पे हँसी तुमको पुकारा हमने

कोई कहता हमें पागल तो दीवाना भी कोई
किया दुनिया का यूँ हँसना भी, गंवारा हमने

---- सुनिल #शांडिल्य

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