बस इक लम्हा तेरी ख़ुशबू का गुज़ारा हमने
ज़िन्दगी भर उसे फिर दिल में संवारा हमने
जब भी यादों ने ख़्वाबों से जगाया है हमें
ले के होंठों पे हँसी तुमको पुकारा हमने
कोई कहता हमें पागल तो दीवाना भी कोई
किया दुनिया का यूँ हँसना भी, गंवारा हमने
---- सुनिल #शांडिल्य
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