चांदनी झिलमिलाती रही रात भर।
आपकी याद आती रही रात भर।।
एक तस्वीर दिल में संभाले रखी,
ख़्वाब में आती जाती रही रात भर।।
शब कटे अब नहीं बिन तुम्हारे सनम,
चांदनी ये सताती रही रात भर।।
रूबरू हो कभी आरज़ू थी मेरी,
ख़्वाब बन कर सताती रही रात भर।।
---- सुनिल #शांडिल्य
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