मैंने सावन लिखा, तुम पुष्प से खिल गए l
मैंने दामन लिखा, शरमा के तुम छिप गए l
मैंन काजल लिखा, तुम काली घटा हो गए l
मैंने चाँद जो लिखा, खिल चांदनी हो गए l
मैंने सपना लिखा, पलक बंद कर सो गए l
भोर जो लिखा मैंने, तुम अरुणिमा हो गए l
मिलन जो लिखा, तो तुम क्षितिज हो गए l
~~~ सुनिल #शांडिल्य
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