Tuesday, December 13, 2022

पलकें भारी हो रही हैं, तुम जगे तो हो? 
जो छेड़े थे धुन राग के उसमें लगे  तो हो?

जन्मते हैं कुल के रिश्ते धरा पर आते ही ,
रक्त सम्बन्ध से विलग अपने सगे तो हो ।

अरमान कहूं दिल की या ईमान कहूं , 
सांसों में खुश्बू लिये मेंहदी में रंगे तो हो।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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