Saturday, December 3, 2022

पूर्णमासी

पूरनमासी चाँद सा चेहरा, 
बहकी_बहकी_चाल

आँखों से मैखाना छलके,
हैं नागिन जैसे बाल

परी हो या अप्सरा 
सभी तेरे पैरों की धूल

नाक तुम्हारी तोते जैसी, 
होंठ पंखुड़ी-फूल

सोना-चाँदी, गहने जेवर, 
तेरे_बिन बेकार

ये सारे श्रृंगार के साधन, 
तू खुद ही है श्रृंगार

~~~ सुनिल #शांडिल्य

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