Saturday, December 31, 2022

तुमसे प्यारा होगा कौन ज़माने में
आँखों के हैं जाम तेरे मयखाने में

मिली एक तस्वीर डायरी में रक्खी
सौ सौ यतन किए थे तुम्हें भुलाने में

आग लगाई दिल में कुछ ऐसी तुमने 
सदियाँ बीती दिल की लगी बुझाने में

उम्मीदों पे जीता है ये दिल अब भी
शायद वो आ जाएँ मेरे ठिकाने में

~~~~ सुनिल #शांडिल्य 

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