चाहतों के सपने बुनने लगा दिल,
मेरी हिदायतों से मुकरने लगा दिल!
खुद से ही बात करता है आज कल,
मोहब्बत कर आहें भरने लगा दिल!
चंचल सी आंखें और शोख़ अदाएं,
तुम्हारी यादों से सजने लगा दिल!
छोड़ जाना नहीं बीच राहों में राही,
बिछडने से तुम्हारे डरने लगा दिल!
~~~~ सुनिल #शांडिल्य
No comments:
Post a Comment