Sunday, January 1, 2023

खामोशी की कोई जुबां कहां होती है
एक अनंत मौन को धारण किए
बस मस्तिष्क शायद कहीं
किसी सुदूर स्थान पर
विचरण कर रहा होता है

एक ऐसा स्थान जहां शायद
खुद को खोज पाना मुश्किल होता है
वो कहते हैं ना
जब हम स्वयं को जान लेते हैं
तो हमें हमारी
आभासी दुनिया का स्मरण रहता है

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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